+91-8368320801 | +91-8130767023
template
  • समाज को सुसंस्कृत एवं संस्कारित बनाना ‘रामायण रिसर्च काउंसिल’ का मुख्य उद्देश्य है। काउंसिल विशेष रूप से छोटे बच्चों में अनुशासन, संस्कार और संस्कृति के मूल्यों को विकसित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
  • हम आधुनिकता के साथ-साथ पाश्चात्य प्रभाव अपना रहे हैं, इसी कारण काउंसिल के अंतर्गत हम सदैव 'भारतीय संस्कृत' की बात करते हैं। हमारी संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने हेतु हम भारतीय जीवन-मूल्यों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
  • हम मानते हैं कि छोटे बच्चे किसी भी राष्ट्र की धरोहर होते हैं, जिन पर भविष्य निर्भर करता है, इसलिए ‘रामायण मंच’ के माध्यम से बच्चों में अनुशासन और संस्कृति का विकास किया जा रहा है। यह प्रकल्प बच्चों के मन में रामायण आधारित शिक्षा और नैतिकता को गहराई से रोपित करता है।
  • हम अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में स्थित श्रीरामलला मंदिर को इस देश की सांस्कृतिक धरोहर मानते हैं, इसलिए हम इस मंदिर के इतिहास पर आधारित पुस्तक (श्रीरामलला – मन से मंदिर तक) ला रहे हैं। इसका उद्देश्य यह है कि आने वाली पीढ़ी इस मंदिर की सांस्कृतिक महत्ता को समझे और उसकी रक्षा कर सके।
  • 22 जनवरी 2024 को श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन, हम एक विशेष 'पत्र-ग्रंथ' तैयार करवा रहे हैं जिसका नाम है – ‘ए लेटर टू नरेंद्र मोदी’। काउंसिल पूरे सनातन परिवार की ओर से मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नाम 11,111 पत्र लिखवा रही है।
  • हम मां सीता जी को एक प्रेरणादायी नारी-आदर्श मानते हैं, जो माताओं और बहनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती हैं। हम मां सीता के प्राकट्य स्थल सीतामढ़ी (बिहार) को एक सांस्कृतिक केंद्र और तीर्थ-स्थल के रूप में विकसित करना चाहते हैं, जिससे नारी-सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल सके।
  • हम देवभाषा संस्कृत का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना चाहते हैं, इसलिए 'रामायण वार्ता' नामक पत्रिका का संस्कृत में प्रकाशन और प्रसार किया जा रहा है। यह प्रयास संस्कृत को जन-जन की भाषा बनाने की दिशा में उठाया गया एक सशक्त कदम है।
  • हमने 'सनातन संग भारत' नामक पुस्तक तैयार की है, जिसका विमोचन बागेश्वर सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी की उपस्थिति में पटना (बिहार) के गांधी मैदान में 6 जुलाई 2025 को किया गया। इस आयोजन में पूज्य स्वामी श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज की गरिमामयी उपस्थिति रही।
  • हमने वर्ष 2025 के महाकुंभ में हुई प्रमुख गतिविधियों को चित्र सहित संकलित कर ‘महाकुंभ का महामंथन’ नामक वृहद साहित्य को कॉफी टेबल बुक के रूप में प्रकाशित किया है। यह पुस्तक एक समृद्ध दस्तावेज के रूप में भविष्य के लिए संरक्षित की गई है।
  • हमारा उद्देश्य अत्यंत स्पष्ट है – सनातन को सशक्त बनाना, नई पीढ़ी को संस्कारित करना और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण करना। काउंसिल की टीम दिन-रात साहित्यिक सृजन, चिंतन और संतों के मार्गदर्शन में कार्यरत है।
  • काउंसिल से जुड़े संतों का कहना है – "अगर हृदय शुद्ध हो और उद्देश्य स्पष्ट हो, तो सफलता निश्चित है।" आज काउंसिल जिन-जिन उद्देश्यों को लेकर चली थी, वे सभी एक-एक करके साकार होते जा रहे हैं।
Read More